अफ़वाहें और विवादित दावे — मोदी के बारे में
अफ़वाहें और विवादित दावे — मोदी के बारे में
. “स्नूपगेट” (Snoopgate) / निगरानी अभियान
यह दावा है कि गुजरात सरकार (जब मोदी वहाँ मुख्यमंत्री थे) ने लोगों की निजी मोबाइल कॉल्स या संदेशों की जासूसी की थी, या अवैध निगरानी की थी। इस दावे को “Snoopgate” नाम से जाना जाता है।
— आलोचकों का कहना है कि सरकार ने विरोधियों और पत्रकारों पर निगरानी रखी।
— सरकार और समर्थक इसे गलत सूचना या राजनीतिक प्रोपोगैंडा कहते हैं।
2. हरेन पाण्ड्या हत्याकांड, मंसि ਸੋनी, तुलसीराम प्रजापति आदि नाम शामिल करने की अफवाह
कुछ लोगों का दावा रहा कि मोदी का नाम हरेन पाण्ड्या हत्या मामले से जुड़ा हुआ है।
मंसि सोनी नाम की एक युवती के साथ संबंधों की अफवाहें भी कभी चलती रहीं।
तुलसीराम प्रजापति हत्या में भी नाम जोड़ा जाना कभी कभी सुना गया।
— ये दावे अधिकतर मीडिया बहस या सोशल मीडिया में सुने गए हैं, लेकिन न्यायालय या किसी विश्वसनीय जांच ने इन्हें साबित नहीं किया।
3. मोदी सरकार का विपक्षी और नागरिक संस्थाओं पर दमन करने का षड्यंत्र
कुछ विश्लेषकों का दावा है कि मोदी सरकार ने नागरिक संगठनों, बुद्धिजीवियों और एक्टिविस्टों पर मुकदमे दर्ज कर उन्हें दबाने की रणनीति अपनाई है।
उदाहरण के लिए, भिमा कोरेगांव मामला में सरकार पर यह अफ़वाह है कि इसे विरोध की आवाजों को दबाने का हथियार बनाया गया।
4. देश का नाम “भारत” सुधारने की योजना
यह अफवाह बहुचर्चित है कि मोदी सरकार ‘India’ नाम को पूरी तरह ‘Bharat’ नाम से बदलना चाहती है।
कुछ सरकारी निमंत्रणों और दस्तावेज़ों में “President of Bharat” लिखा जाना इस अफवाह को हवा देता रहा।
सरकार ने कहा है कि ऐसे दावे गलत हैं और यह सिर्फ अफवाहें हैं।
5. फेक वीडियो / एआई (AI) जनित सामग्री
हाल में, मोदी के कथित “नाचते वीडियो” वायरल हुए — जिन्हें AI या deepfake तकनीकों से बनाया जाना बताया गया।
ऐसी अफवाहें यह सवाल उठाती हैं कि जनता को कौन सी वीडियो की सामग्री सच माननी चाहिए और कौन सी नकली।
6. “GoBackModi” आंदोलन / विरोध स्वरूप नामांकन
यह कोई व्यक्तिगत आरोप नहीं, बल्कि एक लोकतांत्रिक विरोध की तरह अफवाह और प्रतिरोध दोनों का मिश्रण है।
जब मोदी किसी राज्य या शहर में जाते हैं, वहाँ लोगों द्वारा “GoBackModi” स्लोगन या बैठकें आयोजित करना सुना गया।
7. अफवाहें जो प्रचार-प्रसार माध्यमों में फैलती रहीं
कभी यह अफवाह फैली कि मोदी ने नगरपालिका चुनाव या संसदीय सीटें तय करने में गुप्त हस्तक्षेप किया।
यह भी कहा गया कि “डिजिटल सिग्नेचर” या नकली दस्तावेज़ों से मंत्रालयीय विभागों का बंटवारा किया गया।
— मोदी ने कई बार सांसदों को चेतावनी दी है कि वे ऐसे अफवाहों पर भरोसा न करें और हमेशा पुष्टि करें।
Note
ये दावे अभी तक साबित नहीं हुए हैं — वे केवल अफवाहें या आरोप हैं।
स्रोत बताएं — जहा
Ye sare galat bhi ho sakta hai abhi
Comments